इसबगोल (प्लांटागो ओवाटा)
Psyllium भूसी, जिसे आमतौर पर इसबगोल के रूप में जाना जाता है, एक आहार फाइबर है जो मल उत्पादन में सहायता करता है और शिथिलता को बढ़ावा देता है।(HR/1)
यह सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले कब्ज के...
अशोक (सरका अशोक)
अशोक, जिसे अशोक ब्रिक्श के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे प्राचीन और पूजनीय पौधों में से एक है।(HR/1)
अशोक की छाल और पत्तियों में विशेष रूप से चिकित्सीय लाभ होते हैं। अशोक विभिन्न प्रकार...
यवसा (अल्हागी कैमलोरम)
आयुर्वेद के अनुसार, यवास पौधे की जड़ों, तना और टहनियों में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जिनमें महत्वपूर्ण औषधीय गुण होते हैं।(HR/1)
आयुर्वेद के अनुसार, इसके रोपन (हीलिंग) और सीता (ठंडा करने वाले) गुणों के कारण, यवसा पाउडर...
शहद (एपिस मेलिफेरा)
शहद एक चिपचिपा तरल है जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है।(HR/1)
इसे आयुर्वेद में "परफेक्शन ऑफ स्वीट" के नाम से जाना जाता है। शहद सूखी और गीली दोनों तरह की खांसी के लिए एक जाना-माना घरेलू उपाय...
मखाना
मखाना कमल के पौधे का बीज है, जिसका उपयोग मीठे और नमकीन दोनों तरह के व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है।(HR/1)
इन बीजों को कच्चा या पकाकर खाया जा सकता है। मखाने का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में भी किया...
मजूफल (Quercus Infectoria)
ओक गॉल्स मजूफल होते हैं जो ओकट्री की पत्तियों पर बनते हैं।(HR/1)
मजूफला दो किस्मों में आता है: सफेद पित्त मजूफला और हरी पित्त मजूफला। मजूफल के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इसे घाव भरने के लिए फायदेमंद बनाते...
कमल (नेलुम्बो न्यूसीफेरा)
भारत के राष्ट्रीय फूल कमल के फूल को "कमल" या "पद्मिनी" के नाम से भी जाना जाता है।(HR/1)
"यह एक पवित्र पौधा है जो दिव्य सौंदर्य और पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है। कमल के पत्ते, बीज, फूल, फल...
लोधरा (सिम्प्लोकोस रेसमोसा)
आयुर्वेदिक चिकित्सक लोधरा को पारंपरिक दवा के रूप में इस्तेमाल करते हैं।(HR/1)
इस पौधे की जड़ें, छाल और पत्ते सभी औषधीय प्रयोजनों के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन तना सबसे अधिक सहायक होता है। लोधरा में जीवाणुरोधी...
लीकोरिस (ग्लाइसीराइजा ग्लबरा)
मुलेठी या "स्वीट वुड" के रूप में भी जाना जाने वाला लीकोरिस एक अत्यधिक शक्तिशाली और शक्तिशाली औषधीय जड़ी बूटी है।(HR/1)
लीकोरिस की जड़ में एक सुखद सुगंध होती है और इसका उपयोग चाय और अन्य तरल पदार्थों...
लेमनग्रास (सिंबोपोगोन साइट्रेटस)
आयुर्वेद में लेमनग्रास को भूट्रिन के नाम से जाना जाता है।(HR/1)
यह अक्सर खाद्य क्षेत्र में स्वाद बढ़ाने वाले योज्य के रूप में उपयोग किया जाता है। लेमनग्रास के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके...